जीवन के पहिये के दो पहलू ~ सुभाषित संस्कृत श्लोक 07

Two Stats in life wheel

कस्यैकान्तं सुखम् उपनतं, दु:खम् एकान्ततो वा।

नीचैर् गच्छति उपरि च, दशा चक्रनेमिक्रमेण |०७|




Kasyaikantan sukham upnatan, kham ekantato or suffering.
Nichair State chakranemikramen f, gacchati overhead |07|


सुभाषित संस्कृत श्लोक 07 का भावार्थ:

हमारे जीवन नुमा पहिये के दो पहलू होते है - एक सुख और दूसरा दुःख| कोई एसा नहीं है जिसन सिर्फ  सुख ही देखा हो और एसा भी कोइ नहीं है जिसना सिर्फ दुःख ही देखा हो, जीवन की दशा एक चलते होए पहिये की तरह है - जो क्रम से कभी ऊपर और कभी नीचे जाता रहता है॥



English Translation Of Subhashitani Shloka 07:

There are two stats of our life wheel - first Happiness and second sorrowfulness. No one  only experienced constant happiness nor constant sorrows. Situations in life are similar to a point on the moving wheel which goes up and down regularly. 





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