कौरव कौन, कौन पांडव - अटल बिहारी वाजपेयी




कौरव कौन

कौन पांडव,

टेढ़ा सवाल है|

दोनों ओर शकुनि

का फैला

कूटजाल है|

धर्मराज ने छोड़ी नहीं

जुए की लत है|

हर पंचायत में

पांचाली

अपमानित है|

बिना कृष्ण के

आज

महाभारत होना है,

कोई राजा बने,

रंक को तो रोना है|


kon Kauravas, kon Pandav poem by Atal Bihari Vajpayee in Hindi

श्री अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन परिचय



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