How to expands intellect as the lotus petals expands |
यः पठति लिखति पश्यति, परिपृच्छति पंडितान् उपाश्रयति।तस्य दिवाकरकिरणैः नलिनी, दलं इव विस्तारिता बुद्धिः॥
सुभाषित संस्कृत श्लोक 06 का भावार्थ:
जो व्यक्ति पढ़ता है, लिखता है, देखता है, प्रश्न पूछता है और बुद्धिमानों का आश्रय लेता है, उसकी बुद्धि उसी प्रकार बढ़ती है जैसे कि सूर्य किरणों से कमल की पंखुड़ियाँ बढ़ती है॥
English Translation Of Subhashitani Shloka #06-
One who reads, writes, sees, inquires, lives in the company of learned, his intellect expands as the lotus petals expands due to the rays of sun.
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